हमारे बारे में
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए।
कवि दुष्यंत की कविता की यें पंक्तियां ही हमारी प्रेरणा का मूल विंदू है। खबरों के घटाटोप के इस दौर में हमारी कोशिश होगी कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी सार्थक भूमिका निभाते हुए निरंतर न्यूज जन के समक्ष खबरों का वो पक्ष लाये जो अक्सर छुपाने की कोशिश होती है। जो कहा जाता है उसमें तथ्य नहीं होता और जो छुपाया जाता है उसमें जन के सवाल और उनका हित जुड़ा होता है। अपनी खबरों, विचारों, वीडियो और पड़ताल के जरिए लोकतंत्र को मजबूत करने वाली हर आवाज के साथ निरंतर बने रहेंगे जिनके जरिए भारतीय गणतंत्र मजबूत होगा और जो लोकतंत्र के मूलाधार हैं।
टीम:
संपादकः संतोष कुमार सिंह उर्फ मंगरूआ
लगभग डेढ़ दशक से भी ज्यादा से पत्रकारिता में सक्रियता। संसद से लेकर दूर दराज के गांवो तक के पत्रकारिता का अनुभव। शहरी, अर्द्धशहरी व ग्रामीण समाज के हाशिए पर बैठे लोगों व जनसरोकार से जुड़े विषयों पर पत्र पत्रिकाओं में लेखन। अब निरंतर न्यूज के जरिये आपके बीच।